Friday, January 04, 2008

एक अजीब सच

ना है ये पाना, ना खोना ही है
तेरा ना होना जाने, क्यों होना ही है
तुम से ही दिन होता है, सुरमयी शाम आती है, तुमसे ही, तुमसे ही
हर घडी साँस आती है, ज़िंदगी कहलाती है, तुमसे ही, तुमसे ही
ना है यह पाना, ना खोना ही है
तेरा ना होना जाने, क्यों होना ही है

आँखों में आँखें तेरी, बाँहों में बाँहें तेरी
मेरा न मुझमें कुछ रहा, हुआ क्या
बातों में बातें तेरी, रातें सौगातें तेरी
क्यों तेरा सब यह हो गया, हुआ क्या
मैं कहीं भी जाता हूँ, तुमसे ही मिल जाता हूँ, तुमसे ही, तुमसे ही
शोर में खामोशी है, थोड़ी सी बेहोशी है, तुम से ही, तुम से ही

आधा सा वादा कभी, आधे से ज्यादा कभी
जी चाहे कर लूँ इस तरह वफ़ा का
छोड़े न छूटे कभी, तोड़े न टूटे कभी
जो धागा तुमसे जुड़ गया वफ़ा का
मैं तेरा सरमाया हूँ, जो भी मैं बन पाया हूँ, तुमसे ही, तुमसे ही
रास्ते मिल जाते है, मंजिलें मिल जाती है, तुमसे ही, तुमसे ही
ना है ये पाना, ना खोना ही है
तेरा ना होना जाने क्यों होना ही है


my fav song from the movie...Jab We Met