Friday, January 04, 2008

एक अजीब सच

ना है ये पाना, ना खोना ही है
तेरा ना होना जाने, क्यों होना ही है
तुम से ही दिन होता है, सुरमयी शाम आती है, तुमसे ही, तुमसे ही
हर घडी साँस आती है, ज़िंदगी कहलाती है, तुमसे ही, तुमसे ही
ना है यह पाना, ना खोना ही है
तेरा ना होना जाने, क्यों होना ही है

आँखों में आँखें तेरी, बाँहों में बाँहें तेरी
मेरा न मुझमें कुछ रहा, हुआ क्या
बातों में बातें तेरी, रातें सौगातें तेरी
क्यों तेरा सब यह हो गया, हुआ क्या
मैं कहीं भी जाता हूँ, तुमसे ही मिल जाता हूँ, तुमसे ही, तुमसे ही
शोर में खामोशी है, थोड़ी सी बेहोशी है, तुम से ही, तुम से ही

आधा सा वादा कभी, आधे से ज्यादा कभी
जी चाहे कर लूँ इस तरह वफ़ा का
छोड़े न छूटे कभी, तोड़े न टूटे कभी
जो धागा तुमसे जुड़ गया वफ़ा का
मैं तेरा सरमाया हूँ, जो भी मैं बन पाया हूँ, तुमसे ही, तुमसे ही
रास्ते मिल जाते है, मंजिलें मिल जाती है, तुमसे ही, तुमसे ही
ना है ये पाना, ना खोना ही है
तेरा ना होना जाने क्यों होना ही है


my fav song from the movie...Jab We Met

8 comments:

पारुल "पुखराज" said...

aapko pehli baar padha a hai....bahut achey

Sanjeet Tripathi said...

बहुत खूब!
बढ़िया रचना

Puja Upadhyay said...

yeh movie ka song hai...sorry for not mentioning it clearly.
its from the movie "jab we met".i liked hte lyrics so posted it.will make sure i clarify before posting next. sorry people.

Anonymous said...

"तुम से ही दिन होता है, सुरमयी शाम आती है, तुमसे ही, तुमसे ही
हर घडी साँस आती है, ज़िंदगी कहलाती है, तुमसे ही, तुमसे ही "


बहुत अच्छा :)
लिखते रहिये !
दीपक श्रीवास्तव

Anonymous said...

जमीन से भाप उठ रही थी...बहुत तपी थी मेरे पैरों के नीचे की मिटटी
सारे दिन...धूप में...तेज़ हवाएं भी चली थी.......

चाहा बस भटकाव नहीं चाहा बन्धन
काल के निविड़ अन्धकार में अर्थ खोजता मन.....

अनंत संभावनाओं के द्वार पर खड़े ये तुम्हारे ही शब्द हो सकते हैं। तुम भी आषाड़ का एक दिन होती जा रही हो। कहाँ घुम रही हो अनंत के व्योम में। कभी फुर्सत मिले तो याद करना।

Puja Upadhyay said...

संदीप भैया,
ये यादें ही तो सारी मुश्किलें हैं...थोड़ा इनसे पीछा छूटे तो याद करें हम...वैसे याद नहीं करते का मतलब ये नहीं की भूल गए हैं...आपके शब्दों के लिए हार्दिक आभार

Mithilesh dubey said...

बहुत खूब , आपने जो तस्वीर लगाई लहराती हुई ओढनी , बेहद मनमोहक लग रही है ।

Rahul said...

ye mera bhi fav. song hai ...jaise ghul jata hu mai issmai...aur ji leta hu un lamho ko...jo kisis ke sath gujare the....