Saturday, January 31, 2009

तारीख



मेरे कमरे की एक दीवार पर उसने पेंसिल से लिख दिया था, आई लव यू, और उसके नीचे साइन करके तारीख लिख दी...२१/०९/०५
समझ में ये नहीं आता है की तारीख क्यों लिखी...क्या उस दिन के लिए जिस दिन से उसे मुझसे प्यार हुआ था? पर ऐसा कोई खास दिन महसूस तो नहीं हुआ...यूँ लगा की वो हमेशा से मुझे जानती है, और मैं हमेशा से उससे प्यार करता हूँ। ये हमेशा भी बड़ा अजीब सा शब्द है...
तारीख उस दिन की तो नहीं जिस दिन उसे मुझसे फ़िर से प्यार हुआ था?

14 comments:

Ashish Maharishi said...

सवाल गंभीर है..

Udan Tashtari said...

घोर चिन्तन का विषय पकड़ा दिया. अब दिन भर यही सवाल मथेगा कि आखिर इजहार में तारीख की क्या वजह होगी. जिसकी कोई एक्पाईरी डेट न हो, उस पर प्रोडक्शन डॆट का क्या औचित्य.

खैर, चिन्तन शिला पर आपके साभार बैठे मनन कर रहे हैं. बोध प्राप्ति होने पर वाय पोस्ट सूचित करेंगे. :)

PD said...

बढ़िया पोस्ट..
मैं जब भी तुम्हारे इस ब्लौग पर आता हूँ तो इसके टेम्पलेट से ही मुग्ध होकर रह जाता हूँ.. किसी दिन चुरा ले जाऊँगा.. :)

Anil Pusadkar said...

मामला गंभीर है।सोचना पड़ेगा।

निशा said...

शायद उस दिन पता चला हो?

travel30 said...

क्या उस दिन के लिए जिस दिन से उसे मुझसे प्यार हुआ था? :-) kitaa pyara sa sawal hai

अभिषेक मिश्र said...

तारीख उस दिन की तो नहीं जिस दिन उसे मुझसे फ़िर से प्यार हुआ था?
Shayad yahi baat rahi hogi.

मस्तानों का महक़मा said...

ये हमेशा भी बड़ा अजीब सा शब्द है ....
शायद उसी हमेशा की समझ से निकती थी वो तारिख ...कि
क्या वो हमेशा से है या उस हमेशा मे भी कोई तारीख है ?

Crazy Codes said...

kam shabdon mein puri bhavnao ka ullekh... date dene ka matlab hai us hasin pal ko yaad rakhna...

Razi Shahab said...

bahut khoob

Shadows of life said...

bahut khoob...

Aur Uden ji ka yeh bhi khoob jacha ki jab expiry date nahin then why to create a production date...bahut ache.

Shadows of life said...

bahut khoob...

Aur Uden ji ka yeh bhi khoob jacha ki jab expiry date nahin then why to create a production date...bahut ache.

प्रिया said...

kamaal ka likhti hain pooja aap....aapke baare mein janney ki utsukta hai

Rajat Narula said...

you are an intelligent writer keep going...