मेरे कमरे की एक दीवार पर उसने पेंसिल से लिख दिया था, आई लव यू, और उसके नीचे साइन करके तारीख लिख दी...२१/०९/०५
समझ में ये नहीं आता है की तारीख क्यों लिखी...क्या उस दिन के लिए जिस दिन से उसे मुझसे प्यार हुआ था? पर ऐसा कोई खास दिन महसूस तो नहीं हुआ...यूँ लगा की वो हमेशा से मुझे जानती है, और मैं हमेशा से उससे प्यार करता हूँ। ये हमेशा भी बड़ा अजीब सा शब्द है...
तारीख उस दिन की तो नहीं जिस दिन उसे मुझसे फ़िर से प्यार हुआ था?
14 comments:
सवाल गंभीर है..
घोर चिन्तन का विषय पकड़ा दिया. अब दिन भर यही सवाल मथेगा कि आखिर इजहार में तारीख की क्या वजह होगी. जिसकी कोई एक्पाईरी डेट न हो, उस पर प्रोडक्शन डॆट का क्या औचित्य.
खैर, चिन्तन शिला पर आपके साभार बैठे मनन कर रहे हैं. बोध प्राप्ति होने पर वाय पोस्ट सूचित करेंगे. :)
बढ़िया पोस्ट..
मैं जब भी तुम्हारे इस ब्लौग पर आता हूँ तो इसके टेम्पलेट से ही मुग्ध होकर रह जाता हूँ.. किसी दिन चुरा ले जाऊँगा.. :)
मामला गंभीर है।सोचना पड़ेगा।
शायद उस दिन पता चला हो?
क्या उस दिन के लिए जिस दिन से उसे मुझसे प्यार हुआ था? :-) kitaa pyara sa sawal hai
तारीख उस दिन की तो नहीं जिस दिन उसे मुझसे फ़िर से प्यार हुआ था?
Shayad yahi baat rahi hogi.
ये हमेशा भी बड़ा अजीब सा शब्द है ....
शायद उसी हमेशा की समझ से निकती थी वो तारिख ...कि
क्या वो हमेशा से है या उस हमेशा मे भी कोई तारीख है ?
kam shabdon mein puri bhavnao ka ullekh... date dene ka matlab hai us hasin pal ko yaad rakhna...
bahut khoob
bahut khoob...
Aur Uden ji ka yeh bhi khoob jacha ki jab expiry date nahin then why to create a production date...bahut ache.
bahut khoob...
Aur Uden ji ka yeh bhi khoob jacha ki jab expiry date nahin then why to create a production date...bahut ache.
kamaal ka likhti hain pooja aap....aapke baare mein janney ki utsukta hai
you are an intelligent writer keep going...
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