Tuesday, January 04, 2011

याद के रेखाचित्र

मैं बहुत अच्छा स्केच नहीं करती...पर कभी कभी मूड होता है तो कुछ पेंसिल से बनाना चाहती हूँ. ठीक ठाक बन भी जाता है, बहुत खूबसूरत नहीं तो बहुत ख़राब भी नहीं बनता. मेरी एक कॉपी है जिसमें मैं अक्सर कुछ कुछ बनाती रहती हूँ...कभी कोई ख्वाब, कभी कोई याद...कभी सामने पड़ा हुआ कुछ.

जैसे वो लाइब्रेरी की सीढ़ियों पर बैठ कर सामने के लैम्प पोस्ट और पेड़ों की तस्वीर बनायी थी...मेरा टाईमपास का यही तरीका रहा है, जब कि मेरे पास कोई किताब नहीं हो या फिर जब तुम्हारी याद आ रही हो और कुछ भी पढने से तुम्हें भूलना मुमकिन ना होता हो.

जब कि तुम याद आते हो, मैं अक्सर कुछ स्केच करने बैठ जाती हूँ...इक इक रेखा में तुमको मुस्कुराते, चिढ़ाते देखती हूँ. तस्वीर कभी मुकम्मल नहीं होती. इस तरह के स्केच का कोई पैटर्न भी नहीं होता...अपनी कॉपी के अनगिन स्केच में, आज भी हर उस स्केच को पहचान सकती हूँ जो तुम्हें याद करके बनायी थी.

कुछ स्केचेस के पन्ने...थोड़े पनियाले होते हैं, गीले होने के बाद सूखे हुए से.

12 comments:

Mithilesh dubey said...

अच्छा लगा आपका यादों के झरोखों से झाकना ।

शारदा अरोरा said...

खूबसूरत , पनियाली यादें ..

abhi said...

मेरी ये आदत स्कूल और कॉलेज के दिनों में थी..

abhi said...

सबसे पहले आपके बारे में इसी ब्लॉग से जाना था...फिर बाद में प्रशांत के एक बज्ज पोस्ट से पता लगा की आपका दूसरा ब्लॉग भी है जहाँ आप रेगुलर हैं.. :)

abhi said...

सबसे पहले आपके बारे में इसी ब्लॉग से जाना था...फिर बाद में प्रशांत के एक बज्ज पोस्ट से पता लगा की आपका दूसरा ब्लॉग भी है जहाँ आप रेगुलर हैं.. :)

राजीव थेपड़ा ( भूतनाथ ) said...

sketch acche hain....aur haan vichaar bhi....matlab...vicharon kaa sketch acchha lagaa.....

Manoj K said...

स्केच अच्छे बन पड़े हैं :)

Always Unlucky said...

That is a lovely article. And I love the work too, courtesy the picture. I am dialing for you guys to get my house done next!


In a Hindi saying, If people call you stupid, they will say, does not open your mouth and prove it. But several people who make extraordinary efforts to prove that he is stupid.Take a look here How True

Madan Mohan Saxena said...

कमाल,सुन्दर व् सार्थक प्रस्तुति.
कभी यहाँ भी पधारें और लेखन भाने पर अनुसरण अथवा टिपण्णी के रूप में स्नेह प्रकट करने की कृपा करें |
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Anonymous said...

"Kucchh sketches ke panne paniyal hote hain...geele hone ke baad sookhe hue se.."
Superb lines...Just awesome!!

Eric Stalker said...

It was very useful for me. Keep sharing such ideas in the future as well. This was actually what I was looking for, and I am glad to came here! Thanks for sharing the such information with us.
Best regards
Eric Stalker
Copper mug

Deeshu krishna said...

Bhut sunder kavitayein likhi hai aapne aapke sabd dill chu lete hai

Aapse nivedan hai ki hall hi maine blogger join kiya hai aapse vinti hai ap mere post me aaye aour mujhe sahi disha nirdesh de
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Dhnyawad