Friday, July 17, 2009

एक बारिशों वाली शाम के ख्याल और सवाल

कुछ लोगों को भूलने के लिए एक जिंदगी कम पड़ जाती है

हर इश्क की कहानी अलग होती है, हर टूटने की हदें अलग अलग...
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mature होना, प्रैक्टिकल होना...यानि की उसे याद करते हो करो, मगर किसी से मत कहो कि उसकी याद आई है, अपने सबसे करीबी दोस्त से भी नहीं...सबके हिसाब से तुम उसे भूल गए हो...बिल्कुल याद नहीं करते।

भीड़ में कुछ लोगों के चेहरे किसी ऐसे शख्स की याद दिला सकते हैं, जिससे उसका चेहरा बिल्कुल भी नहीं मिलता।

क्यों लगता है कि वो आँखें आपको देख रही हैं, और आप ऐसी सुनसान राहों पर मुड़ कर देखते हैं जहाँ यकीन हैं कि कोई नहीं होगा।

क्या किसी को याद करने से उसे इस बात का अहसास हो सकता है कि कोई उसे याद करता है?

प्यार का मुकम्मल होना क्या होता है?

अगर तुम्हारे साथ बिताया एक लम्हा सारी जिन्दगी था तो अब जब तुम मेरे साथ नहीं हो क्या है?

क्या सारे रास्ते कहीं न कहीं आपस में जुड़े नहीं होते?

क्या प्यार कि कोई constanct value होती है?

what is the maximum number of times someone can fall in love?

अगर मैं किसी लड़के से प्यार करती हूँ इसका मतलब क्या ये है कि मैं अपने मम्मी पापा से कम प्यार करने लगी हूँ?

क्या पुनर्जन्म की ये कहानियाँ सच्ची हैं...क्या अगले जन्म मुझे तुम्हारी याद रहेगी?

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बहुत सी बातें अपनी, दोस्तों की, तुम्हारी, किसी और की, डायरी के हाशिये पर लिखी हुयी, फ़िल्म का कोई डायलोग ...शायरी का कोई हिस्सा
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प्यार में कितना कुछ सच में घटता है...और कितना कुछ हमारे मन में...सच्चाई की लकीर कहाँ खींची जाती है?